« मुहब्बत के मानी बदलने लगे हैं | जो वो रोये तो हंगामा हो गया » |
क्यो इतना उदास है!
Hindi Poetry |
काले घने बादलो मे भी चमकती एक आस है,
हर रात के बाद दिन आता है ये हमे विश्वास है,
सूखी हुई निर्जीव धरा पे भी निर्मल बूंदे बरसती है ,
उजड़े वीराने चमन मे भी मोहक कोयल चहकति है ,
आज जिसे तू हार मान कर बैठा दुखी निराश है ,
उसी हार मे जीत छुपी है,फिर क्यो तू इतना उदास है !
मन के माने हार ,और मन के माने जीत है ,
हार-जीत तो जीवन के अंग है,यही जग की रीत है ,
मत बहा आंशु ,मत खुद को यू लाचार कर ,
हारी बाजी जीत जाएगा बस खुद को तैयार कर ,
जो आज तुझे हारा मान कर ,खुद पे इतराते है ,
वो ये शायद नही जानते की काले बादल ही बारिश लाते है !
तो चल जुटा ले सारी हिम्मत,एक बार फिर वार कर ,
मंज़िल तुझको खुद तलाशेगी बस तोड़ा इंतजार कर ,
आज तेरी परीक्षा की घड़ी है,आज तेरी आज़माइश है ,
यही सोच कर आगे बढ़ की हर चीज़ मे गुंजाइश है ,
प्रभु भी उसकी मदद करते जो ,करता सच्चा प्रयास है ,
फिर तू क्यो दुखी बैठा है,और क्यो इतना उदास है !
डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा
nyc n inspiring
@ishanshri, Iam honored thanks
bht motivate karti hui positive energy se bhari hui aapki ye kavita bht hi achhci hai rajiv ji…
@KasaK….Dil ki, mera likhna safal hua–dhanyavad
जो आज तुझे हारा मान कर ,खुद पे इतराते है ,
वो ये शायद नही जानते की काले बादल ही बारिश लाते है !
बहुत अच्छे रजीव जी ! बधाई !!!
सब्र कर ए बन्दे ! ये दिन भी गुजर जायेंगे ,
हँसी करने वालों के चेहरे भी उतर जायेंगे ।
@Harish Chandra Lohumi, suder paktiyan jodne ke liye dhanyavad
बड़ी सुन्दर
उदासी पर प्रहार करनेवाली अर्थपूर्ण रचना
बहुत मन भायी
हार्दिक बधाई
जिसने छोड़ा प्यार से प्रयत्न करना और प्रयास
मानो वो जा रहा है होने फिजूल में निराश और उदास …..
@Vishvnand, sahirday dhanyavad sir
वाह! बहुत खूब! उम्मीद से भरी बहुत सुन्दर रचना है!
उदासी का क्या काम जीवन में,
आशाएं बहुत हैं अभी इस मन में!
@parminder, dhanyavad madam— aap ke comment bhi prernamai hai
सारी baari haare to bhi haar na isko kahengen हम…
मगर फिर लड़ने ki himmat na ki to wakai haare hai हम..
babhut badiya… ek sangharsh karte insan ko badiya rastha दिखाया है…