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पास फिर भी उदास….!
Hindi Poetry |
ये रचना sinner जी की सुन्दर रचना ” अब जब नहीं हो तुम मेरे पास” को पढ़ने के बाद इक sin के रूप में उभरी है, जिसे पोस्ट कर रहा हूँ क्षमा याचना के साथ…
पास फिर भी उदास….!
“अब जब नहीं होती तुम मेरे पास
बहुत हो जाता अब ये मन,
तुम्हारी याद में उदास.
घर से उठकर मैं चला जाता हूँ पास
उस ‘बार’ में जो भी है अपने घर के पास
करने तुझ पर कविता रचने का प्रयास
जो मेरे दिल की असली है प्यास “
भेजी ये पंक्तिया उसे मैके में कुरियर के साथ
चाहा कविता पर उसकी प्रतिक्रया आये ख़ास …
बीवी ने जब पढी ये मेरी उदासी और प्यास
सब छोड़ लौट जल्द आ गई घर मेरे पास
और छोडा है उसने अब मैके जाने का ध्यास
अब मेरी रह गयी है अधूरी कविता और प्यास
इसीलिये मैं फिर रहने लगा हूँ बेबस और उदास
अब नहीं जा पाता जहां बुझती है प्यास…. ….
” विश्वनंद “
गुरुदेव धन्य हो गया ये SINNER
इसकी कविता को मिल गयी एक नयी राह
अब नहीं जा पाता जहां बुझती है प्यास…. …
क्या जरुरत है जाने की…
जब बारिश की बूंदे घर मे दस्तक दे रही हैं…
धन्यवाद और आभार आप का कृति को नया रूप देने के लिये…
@Sinner
कमेन्ट के लिए तहे दिल से शुक्रिया
सुन्दर नयी कवितायें पढ़ अपने आप नए अंदाज़ उभर आते है
इसीलिए p4p पर कवितायें पढ़ सब बढ़िया tonic पाते हैं …
पहले वो पास नहीं, इसलिए उदास
अब पास हैं, इसलिए उदास
ये उदास का चक्कर बहुत है बदमाश ….
ek pyari se guggudati kavita ke liye dhanyavad—- roj aap ki ek naye rachna jo ho paas to ye dil kabhiu na ho udaas
@rajiv srivastava
बहुत बहुत शुक्रिया आपके कमेन्ट का ख़ास
रहता कविता लिखने का हरदम प्रयास
पर कविता का सूझना कहाँ रहता अपने हाथ
वो तो सब है कविता देवी के कृपा की बात….
वाह क्या बात है…
बहुत बढ़िया …बहुत बेहतरीन सर जी…
@anju singh
आपका इस सुन्दर प्रतिक्रया के लिए हार्दिक धन्यवाद
उभरे जब कविता उदासी में भी हो जाता दिल ये आबाद…..
दादा कविता के प्रारंभ में आपका इस प्रकार अपने प्रेरक के बारे में लिखना…बहुत ही बड़ी बात है…वरना कई रचनाकार तो रचनायें ही मूल रूप से चुराकर (मैं इस मंच की बात नहीं कर रहा हूँ) अपना नाम रख देते हैं…आपने तो स्वयं की रचना को भी समर्पित किया है…
सचमुच आप प्रेरणा का स्रोत हैं…
और इस मस्त करती हुई रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई दादा… 🙂
@P4PoetryP4Praveen
आपकी सुन्दर प्रतिक्रया ने तो मन मोह लीना
बुझ गयी ये प्यास और भूल गया हूँ पीना …
हार्दिक आभार