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पुराना नोट !

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Hindi Poetry

मंदिर की दान पेटी मे पड़ा एक पुराना नोट कितना लाचार है,

मैला,कुचेला,फटा हुआ है आज बेबस और बेकार है!

अपने जीवन मे कई लोगो का इसने काम किया है,

किसी ने इसका  मान बड़ाया तो किसी ने बदनाम किया है!

धनवान,निर्धन,साधु या हरिजन सभी ने इसे पाया है,

सभी के साथ कुछ पल रह उनका साथ निभाया है!

लोगो को करीब से पहचाना,और उनकी फ़ितरत जानी है,

सभी की जिंदगी की कुछ आरजू और अलग कहानी है!

कभी ग़रीब की बेबसी और लाचारी इसने देखी है,

तो कभी धनवान कीं खुमारी और अय्याशी इसने देखी है!

कोई इसे पाने को मनो पसीने बहाता था,

तो कोई इसे कोने मे रख के भूल जाता था!

कोई इसे पाकर सर आँखो से लगता था,

तो कोई इसे बेदर्दी से तवायफ़ पे लूटाता था!

किसी की ग़ुरबत का कभी सहारा बना है,

तो किसी के सहेरे का चमकता सितारा बना है!

किसी ने इसे दान देकर सम्मान कमाया है ,

तो किसी ने शराब और शबाब मे बहाया है!

किसी को इसने जिंदगी दी,जान बचाई है,

किसी ने इसके लिए तलवार भी चलाई है!

लोगो के साथ ये भी पाप और पुण्या करता रहा,

कभी उन्हे नचाता  तो कभी उनके इशारो पे नाचता रहा!

सोच रहा है खुदा ने इंसान के साथ ये कैसा रिश्ता बनाया है,

वो तो काग़ज़ का टुकड़ा था इंसान ने ही इसे फ़रिश्ता बनाया है  !

डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा

10 Comments

  1. sushil sarna says:

    No words for appreciation-poem having reality,emotions and deep feelings of relations-accept my badhaaee for so nice poem Srivastava jee

  2. anju singh says:

    waah sir kamaal kar diya hai. har pankti apne aap mai ek alag bhav liye hue hai….
    wakai padkar दिल or dimak khush ho gaya … behadddddddddddd
    सच्ची or sunda rhai पैसे की yah kahahi…

  3. Vishvnand says:

    भई वाह, क्या बात है
    बड़ी सुन्दर रचना मनभावन
    अंदाज़ – ए – बयाँ का क्या कहना
    ये कहानी नोट पुराने की
    ले जीत गयी दिल ये अपना ….

    हार्दिक शाबाशी

  4. P4PoetryP4Praveen says:

    एक बार फिर आपकी भावनाओं से युक्त, दिल को छू लेने वाली रचना के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई… 🙂

    (आख़िरी पंक्ति में फ़रिश्ता होगा, ऐसा मुझे लगता है.)

  5. pallawi says:

    नोट की लाचारी भी शब्दों में ढाल दिया आपने
    बेहतरीन, नया विषय बोहुत २ बधाई हो आपको !!

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