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” माँ और पिता “
Hindi Poetry |
” माँ और पिता “
ईश्वर की बनाई ममता की मूरत है ‘माँ’ ,
ईश्वर ने गढ़ी वो अनमोल कृति है ‘पिता’ !
जीवन की तपती धूप में शीतल छाँव है ‘माँ’ ,
जीवन के अंधेरों में प्रदीप्त लौ है ‘पिता’ !
ज़िन्दगी के आशियाने का स्तंभ है ‘माँ’ ,
उस स्तंभ का आधार-‘नींव’ है ‘पिता’ !
मेरे जीवन का अस्तित्व है जिनसे ,
ईश्वर की वो अनमोल सौगात है – ‘माँ और पिता’ !
– सोनल पंवार
बहुत ही सादगी के साथ अत्यंत उच्च स्तरीय भावनाओं से युक्त इस अनमोल हृदय में सहेजकर रखने योग्य कृति के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई सोनल जी… 🙂
एवं 5 ***** सप्रेम भेंट… 🙂
@P4PoetryP4Praveen, ‘आपकी इस टिप्पणी के लिए बहुत धन्यवाद् !
माता पिता को लेकर प्रेरित इस कविता को और माता पिता को प्रणाम है…
बढ़िया कविता सोनल जी…
@anju singh, Thanks a lot.
अतिसुन्दर हार्दिक मनभावन रचना
उत्क्रष्ट भावनाएं संक्षिप्त में कहना
कविता का अति रूप सुहाना .
किसी भी आयु में आनंद
अपने मातपिता के प्रति भावपूर्ण कथन
बच्चों के प्रति असीमित प्यार.
कविता के लिए 5 + + stars
@Vishvnand, सर आपकी इस सुंदर टिप्पणी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद् !
ॐ मातृ-पितृ चरण कमलेभ्यो नमः .
@Harish Chandra Lohumi, सही कहा आपने !
Thanks.