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” माँ और पिता “

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Hindi Poetry
           ” माँ और पिता
 
ईश्वर की  बनाई ममता की मूरत है  ‘माँ’ ,
 
ईश्वर ने गढ़ी वो अनमोल कृति है ‘पिता’ !
 
जीवन की तपती धूप में शीतल छाँव है ‘माँ’ ,
 
जीवन के अंधेरों में प्रदीप्त  लौ है ‘पिता’ !
 
ज़िन्दगी के आशियाने का स्तंभ है ‘माँ’ ,
 
उस स्तंभ  का आधार-‘नींव’ है ‘पिता’ !
 
मेरे जीवन का अस्तित्व है जिनसे ,
 
ईश्वर की वो अनमोल सौगात है – ‘माँ और पिता’ !
 
 – सोनल पंवार  

8 Comments

  1. P4PoetryP4Praveen says:

    बहुत ही सादगी के साथ अत्यंत उच्च स्तरीय भावनाओं से युक्त इस अनमोल हृदय में सहेजकर रखने योग्य कृति के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई सोनल जी… 🙂

    एवं 5 ***** सप्रेम भेंट… 🙂

  2. anju singh says:

    माता पिता को लेकर प्रेरित इस कविता को और माता पिता को प्रणाम है…
    बढ़िया कविता सोनल जी…

  3. Vishvnand says:

    अतिसुन्दर हार्दिक मनभावन रचना
    उत्क्रष्ट भावनाएं संक्षिप्त में कहना
    कविता का अति रूप सुहाना .

    किसी भी आयु में आनंद
    अपने मातपिता के प्रति भावपूर्ण कथन
    बच्चों के प्रति असीमित प्यार.
    कविता के लिए 5 + + stars

  4. Harish Chandra Lohumi says:

    ॐ मातृ-पितृ चरण कमलेभ्यो नमः .

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