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मेरे जख़्मो से मोहब्बत है मुझको !(Ghazal with audio link)
Crowned Poem, Hindi Poetry, Podcast |
mere jakhmo se(click here for audio)
मेरे जख़्मो से मोहब्बत है मुझको ,
इन्ही पे तो मेरी कहानी लिखी है ,
बेबस भटकता बचपन लिखा है ,
बेदर्द तड़पति जवानी लिखी है !
मेरे जख़्मो से मोहब्बत है मुझको ,
इन्ही पे तो मेरी कहानी लिखी है
हर जख्म की एक अलग दस्ता है ,
हर जख्म की एक अलग है कहानी ,
किसी पे अपनो की बेवफ़ाई लिखी है ,
किसी पे उम्र भर की बदनामी लिखी है !
मेरे जख़्मो से मोहब्बत है मुझको ,
इन्ही पे तो मेरी कहानी लिखी है
कोई दोस्तो की बदसलूखी बया कर रहा है ,
कोई सनम की खामोशी बया कर रहा है ,
किसी पे टूटे दिल की निशानी लिखी है ,
किसी पे मेरे जहन की परेशानी लिखी है !
मेरे जख़्मो से मोहब्बत है मुझको ,
इन्ही पे तो मेरी कहानी लिखी है
ये जख्म तो अब मेरे हमसफर है ,
ना छेड़ो इन्हे ये मेरे रह्ग़ुजर है ,
ये बड़ी शिद्दत से साथ निभा रहे है ,
इन्ही पे अब मेरे जिंदगानी लिखी है !
मेरे जख़्मो से मोहब्बत है मुझको ,
इन्ही पे तो मेरी कहानी लिखी है
डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा
सुन्दर गीत और audio में सुन्दर प्रस्तुति
दोनों बहुत मन भाये.
(हाँ , लय के अंदाज़ से गीत को ज़रा कुछ सुधारने की जरूरत लग रही है) ..
@Vishvnand, dhanyavad sir.singer nahi hun ,bas ek prayash hai .sudharne ka prayash awash karoonga–dhanyavad
bahut badiya sir…
@anju singh, bahut bahut dhanyavad
Really a nice one poem-liked it.
ग़ज़ल की तरह ग़ज़ल तो नहीं है पर इस पूरी कहानी में एक रवानी है,जो प्रशंसनीय है.
दिलकश अंदाज़..दिलकश आवाज़ ..बधाई !