« अकेले तय नहीं होता सफ़र उनको बता देना. | COLLECTIVE GUILT » |
मज़ा नहीं आया ना…
Hindi Poetry |
अभी अन्धेरी, अभी थाणे,
अभी भोपाल, अभी झाँसी,
अभी चेन्नैइ, अभी दिल्ली,
अभी कोलकाता, अभी गुजरात,
अभी जम्मू-कश्मीर, अभी कन्याकुमारी,
अभी बिहार , अभी पंजाब ।
कविता में मज़ा नहीं आया ना…
सर जी मजे पर मत जाइये…
स्पीड तो देखिये…
अभी इंडिया, अभी पाकिस्तान,
अभी साउथ अफ़्रीका,अभी अफ़गानिस्तान,
अभी अमेरिका, अभी चाइना ।
कविता न सही…
स्पीड तो मन भायी ना !
——————–डीपी
क्या शानदार स्पीड है……..ज़रा सम्भलकर कहीं एक्सीडेंट न हो जाए.शानदार हल्की-फुल्की कविता.
आज के fast food वाले generation को speed के बिना मजा नहीं आता, इस कारण इस speed वाली रचना को pass ही नहीं distinction marks भी मिल सकते हैं … बधाई
ज़रा कम speed वाली भी रचनाये पोस्ट करें ऐसी ख्वाहिश है..
कविता न हुई कंडक्टरी हो गयी.
कविता वाकई इतनी गति से गुज़री के हम आश्चर्यपुर में आँखें फाड़े के फाड़े रह गए…मेरा निजी मत है कि इसे कोई ज़मीन, आसमान, आब का खाक़ा मिल जाए तो ये गति से गतिमान बन जाए!
नहीं आया ! बिलकुल मज़ा नहीं आया ! इतने महीनों तक नहीं दिखायी देंगे तो कैसे मज़ा आ सकता है ? सर जी ! इस स्पीड से इधर उधर ही न घूमते रहिये ! एकाध बार इधर भी रुख कर लिया कीजिए .
मूड फ्रेश करने वाली रचना . बधाई !!!
waah sir waah wakai itni tej gati se kavita chali की पता ही नहीं chala. पर badiya lagi…
matlab sochte ही rah gayi kya hua…