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थक गया हूँ अब तो सोने दो मुझे
Hindi Poetry |
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थक गया हूँ अब तो सोने दो मुझे
दिन भर देखे ख्वाब संजोने दो मुझे
सूख कर पत्थर हुए उन आँसुयों से
एक सीप सी माला पिरोने दो मुझे
तप गयी रूह मेरी इन चाँद तारों से
आंसुओं की झील में डुबोने दो मुझे
ख्वाबों को बेचकर इस दुनियांदारी में
पाया है जो कुछ भी खोने दो मुझे
-अभिषेक
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बहुत सुन्दर प्रयास, अभिषेक. Keep sharing.
kya baat hai–bade dino baad aye ise pyari rachna ke sand–badahai
मनभावन सी
सुन्दर आदाज़ की अनुभूति
बधाई
मार्मिक रचना, हिज्जे की गलती सुधार लें.शीप नहीं सीप कहना चाहते हैं न आप.
अच्छी इच्छा जाहिर की है ! बधाई !!!
enjoyable read
गौड़-गिरी! 🙂
Good one Abhishek Bhai.