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“प्यार की परिभाषा”

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Feb 2011 Contest, Hindi Poetry
प्यार की परिभाषाएं हॆं अनेक,
पर मॊन हॆ उसकी भाषा हर एक.
खामोशीभरे लब्जों में हॆं जवां प्रेम की कहानियां,
विरह की नब्जों में चलती हॆं इनकी परछाईयां.
प्रेम तो करता हरदम समर्पण अपना,
खुशियां देकर करता सबकुछ अर्पण अपना.
प्रेम, मां का अपने बच्चे से,
प्रेम, प्रेमी का प्रेमिका से.
प्रेम,भंवरे का फूलों से,
कितने अनकहे से हॆं यह सारे एहसास,
प्रेम तो बसता हॆ हर मन में बनकर सांस,
आती जाती सांसों में बसता हॆ कोई खास.
सीमाएं होती नहीं इस प्यार की,
साहिल नहीं, गहराई होती हॆ इस समुंदर की,
ढुंढे निशान इसके अनंत आसमान भी.
हद की हर हद पार कर जाने की ख्वाहिश,
किसी की खुशियों पर, हर खुशी कुरबान कर जाने की ख्वाहिश,
उसकी नफरतों में प्यार पाने की ख्वाहिश,
जिंदगीभर होकर जुदा सदा उसे पाने की ख्वाहिश,
तन्हा जीवन बिताकर पुन: पुनर्जनम में मिलने की ख्वाहिश,
हर ख्वाहिश के लुट जाने पर फिर से ख्वाहिशों की ख्वाहिश.
प्रेम के हर एहसास में होता हॆ ईश्वर का वास,
न ठुकराना कभी गर हो तुम्हें कभी प्रेम का आभास.
हर किसी पर किस्मत इतनी मेहरबान नहीं होती,
समझ लेना हर परिभाषा प्रेम की,
हर किसी को जिंदगी दुबारा अवसर नहीं देती.
राजश्री राजभर………..

23 Comments

  1. Vishvnand says:

    बहुत खूब, बहुत सुन्दर
    बढ़िया अंदाज़ और मनभावन
    रचना के लिए हार्दिक बधाई…

    कृपया अन्य मेम्बर्स की रचनाओं को पढ़ आप भी उन रचनाओं को अपनी तरफ से Rating जरूर देना और हो सके तो कमेन्ट भी देना.
    हर मेंबर के किये गए इसी प्रयास से सुशोभित होता रहेगा साईट पर सब मेम्बरों को अंपनी रचना पर सही feedback का मिलते रहना जिसका हर रचना पोस्ट करनेवाले मेंबर को इन्तेजार रहता है और रचनाओं के sharing का यही आनंद भी है

  2. Harish Chandra Lohumi says:

    सुन्दर प्रस्तुति । बधाई राजभर जी ।

  3. siddha Nath Singh says:

    मरहबा , बहुत खूब.

  4. Anju singh says:

    wakai sundar rachana….

  5. Harish Chandra Lohumi says:

    शीर्ष तीन में स्थान प्राप्त करने की हार्दिक बधाई .

  6. P4PoetryP4Praveen says:

    सर्वप्रथम आपको हृदय से बधाई एवं शुभकामनाएँ… 🙂

    (भाषा पर विशेष तो नहीं, थोड़ा और ध्यान देने की आवश्यकता है…मात्राएँ, बिंदियाँ, उर्दू एवं हिंदी के शब्दों का कोम्बिनेशन आदि…)

    और “न ठुराना” को “न ठुकराना” कर लें… 🙂

    आपके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना सहित…

  7. rajshree rajbhar says:

    Thank u so much praveenji for guiding n for encouraging me.

  8. parminder says:

    प्रेम के एहसास पर बहुत सुन्दर रचना है आपकी! पहले तीन में आने की बहुत बधाई!

  9. Harnek says:

    Very nice poem,with great feeling for love.

  10. raman lal raniga says:

    प्रेमी ही भगवान
    इंसान प्रेमी बन जाय
    यही उधार होगा मानव जीवन का
    प्रेम की जय
    भगवान ही प्रेमी नम्बर १
    भगवान की जय जय
    मेरा प्रणाम आप को
    राजश्री राजभरजी बहुत अती सुन्दर ज्ञान भरा कविता
    भगवान का प्रेम समझे हम
    भगवान नेह सभ इंसान और दुसरे प्राणियों को अपने प्रेम से प्रण ज्योति से भरा हैं
    की हम भगवान का प्रेम समझे
    और प्रेमी बन्नेह प्रण ज्योति प्रभु का अत्तीही सुन्दर प्रेम भगवान का हैः

  11. Hi
    The grammar of Love …. well composed …..all lines have intensity . Liked most of all the lines ‘Tanha jeevan bithakar punha punarjanam me milnay ki kwaish

    sarala

  12. वास्तव में राजश्री जी आपने अपने इस कबिता में जो प्यार की परिभासा दिया है इससे साबित होता है की प्यार जिंदगी का एक ऐसा अनोखा रिश्ता है जो हर इन्सान के अन्दर मौजूद है, जो इस रिश्ते को समझता है वो ही इस दुनिया में सबसे बड़ा इन्सान है

    वाकई प्यार एक सच्चाई है,
    प्यार एक पवित्र रिश्ता है जो माँ बाप के संस्कार की परिचय देता है.

    मंतोष कुमार राय
    वेब डेवेलोपेर
    म.एच नगर. सिवान बिहार,

  13. bhavika sood says:

    अति सुन्दर . बधाई

  14. shobha chouhan says:

    nice…

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