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मुझे रोने दो, सुख से….! (Geet)

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Hindi Poetry

Mujhe Rone do sukh se NFT

The real recovery from an emotional hurt is, when in one’s feeling of hurt a realization dawns that he on his part should never venture to act or do anything to emotionally hurt any other individual, knowing what an emotional hurt is.
यह  मेरा इक पुराना गीत, इसे नए तर्ज़ में गाकर इसके podcast के साथ प्रस्तुत करने में खुशी महसूस कर रहा हूँ …..

 

मुझे रोने दो, सुख से….!

मुझे रोने दो सुख से, दुःख मे …
दिल के हर इक कोने कोने ,
मुझे रोने दो सुख से, दुःख मे …..

इस बड़ी भरी दुनियां  मे ,
इतने छोटे दिल क्यों होते हैं ,
बेकार की छोटी बातों मे,
इतने झगडे क्यों होते हैं ,
सब देख मुझे आदत सी है,
चुपचाप अकेले ही रोने…
मुझे रोने दो सुख से, दुःख मे …
दिल के हर इक कोने कोने …..

ऐसे न कभी मैं काम करूँ,
औरों को जिससे दुःख पहुंचे,
दिल ने थी खाई कसम कभी,
रो कर तेरी ही यादों मे………
मुझे रोने दो सुख से, दुःख मे
दिल के हर इक कोने कोने …..

दिल ने अपमान सहे कितने,
अभिमान मुझे पर इसका है,
चुपचाप सभी अपमानों को,
असुओं से धोया है मैंने..
मुझे रोने दो सुख से, दुःख मे …
दिल के हर इक कोने कोने ……

मुझे रोने दो सुख से, दुःख मे…

” विश्व नन्द “

16 Comments

  1. shakeel says:

    इस बड़ी भरी दुनियां मे ,
    इतने छोटे दिल क्यों होते हैं ,
    बेकार की छोटी बातों मे,
    इतने झगडे क्यों होते हैं ,
    सब देख मुझे आदत सी है,
    चुपचाप अकेले ही रोने…
    मुझे रोने दो सुख से, दुःख मे …
    दिल के हर इक कोने कोने …..

    वाह सर जी वाह मज़ा आ गया फिर वही जादू कलम का देखने मिला मेरी नज़रों को आपका शुक्रिया….

  2. sushil sarna says:

    हर बात का अंदाज निराला,
    हर बात का गहन अर्थ निकला,
    है किस अन्धकार की हिम्मत,
    जो रोक सके आपकी बात का उजाला
    एक भावनात्मक सत्य,मन को छू गया-हार्दिक बधाई सर जी

    • Vishvnand says:

      @sushil sarna
      आपका सुन्दर कमेन्ट अपने आप में एक सुन्दर कविता है
      कैसे आपका शुक्रिया अदा करूँ दिल लफ्ज दूंढ़ रहा है
      हर आपकी प्रशंसा मेरे लिए तो इक बड़ा Healthy tonic है

  3. siddha nath singh says:

    सरल और सारगर्भित गीत.

  4. santosh bhauwala says:

    आदरणीय विश्वनान्दजी ,बहुत ही प्यारा गीत, दिल की गहराई से निकला हुआ प्रतीत होता है खास ये पंक्तिया दिल को छु गयी I
    ‘दिल ने अपमान सहे कितने,
    अभिमान मुझे पर इसका है,
    चुपचाप सभी अपमानों को,
    असुओं से धोया है मैंने.’
    .संतोष भाउवाला

    • Vishvnand says:

      @santosh bhauwala
      आपकी प्रतिक्रया और सराहना के लिए हार्दिक आभार.
      ये पंक्तियाँ मुझे भी बहुत पसंद हैं पर इस रचना को जन्म देने वाली पंक्ति थी
      “दिल ने थी खाई कसम कभी,
      रो कर तेरी ही यादों मे………”
      आपकी प्रतिक्रया ने मुझे यह बताने मजबूर कर दिया… 🙂

  5. Harish Chandra Lohumi says:

    बहुत खूब सर ! सरल शब्द चयन और कम शब्दों में वजनी रचना हलके फ़ुलके अन्दाज़ में !
    मनभावन ! बार-बार सुनने को ललचे मन !

    • Vishvnand says:

      @Harish Chandra Lohumi
      हार्दिक आभार
      आपकी प्रतिक्रियाएं और उसमे कथन
      हरदम मेरे भी बहुत सुहाए मन
      प्रोत्साहित करते रहिये हमें यूं ही हरदम
      और जरूर बताइये जब गल्त हों कोई कदम…..

  6. dukh main rone do sukh se!kyaa baat hai—–aajkal dukh main bhi log such se rone tak nahi dete————– bahut badiya sir

    • Vishvnand says:

      @rajiv srivastava
      कमेन्ट के लिए बहुत शुक्रिया,
      याद आया, मेरी बिटिया जब छोटी सी थी और रो रही थी हम उसे समझा रहे थे तो बोली daddy मुझे मत समझाओ मैं थोड़ी देर रोना चाहती हूँ ,,, 🙂

  7. amit478874 says:

    बेनमून पंक्तियाँ…! लाजवाब..! 🙂

  8. subhash says:

    विश्वनंद जी,
    आपकी मधुर आवाज़ और अतिसुन्दर भावों ने दिल मोह लिया.
    मुबारक हो
    जय हो.

  9. Raj says:

    सुन्दर गीत. Really liked it.

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