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नाम शराब है!
Hindi Poetry |
नाम शराब,जी हाँ मेरा नाम शराब है,
मुझे पी के आप इस कदर तमाशा करते है,
शरीफ लोग आप के पास आने से डरते हैं,
इसीलिए अकसर हो जाता मेरा नाम खराब है,
नाम शराब है ,जी हाँ मेरा नाम शराब है!
कभी रंगीनियों मे मुझे थाम लेते हैं,
कभी गम मे बस मेरा ही नाम लेते हैं,
मुझे पी के लिख डाली, दिवानो ने कई किताब है,
नाम शराब है ,जी हाँ मेरा नाम शराब है!
मुझे अंगूर की बेटी कह, मुझे सीने से लगा लेते हैं,
तारीफ करते है,अपने दिल में जगह देते है,
लिपटे रहते है मुझसे,कहते है ये बड़ी लाजवाब है ,
नाम शराब है जी हाँ मेरा नाम शराब है!
इतना क्यो पी लेते हो ,की खुद का होश नही रहता,
अपने को थाम सको, इतना भी जोश नही रहता,
मुझ मे ही दिखता, तुझे कयामत का शबाब है,
नाम शराब है ,जी हाँ मेरा ही नाम शराब है!
वो कतरा-कतरा पीते हैं ,और मदहोश हो जाते हैं,
कदम बहक जाते हैं, किसी और की बाहों मे सो जाते हैं,
इसमे मेरा क्या कसूर ,की मिलता मुझे सौतन का खिताब है,
नाम शराब है,जी हाँ मेरा नाम शराब है!
डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा
वाह राजीव जी,
बहुत खूब लिख डाली ये कहानी,
वो भी खुद शराब की जुबानी,
शराब अमर तो है ही, अजर भी है,
हमेशा बरकरार रहती इसकी जवानी,
फंसा हुआ पेमेंट जो हज़ार देने पर भी न निकला,
एक पव्वे ने पलट दी सारी कहानी 🙂
पव्वे की कीमत को TDS (tax deduction at source) समझ लिया,
तभी तो vendor बेचारा TDS ( ठेका देशी शराब) तक गया .
और एक पव्वे में एक लाख की फंसी हुई पेमेंट निकाल लाया. 🙂
बहुत अच्छी रचना
खुद शराब की जुबानी
अब तो शराब आप पे खुश है,
सिर्फ मज़ा देगी नहीं करेगी शैतानी ….
रचना के लिए हार्दिक बधाई
नशा आदमी में होता है शराब में नहीं
वरना बोतल भी नाचती आदमी ही नहीं …
वाह क्या खूब उजागर किया है शराब के गुणों को उसी की जुबां में. मज़ा आ गया, राजिव जी, बहुत बधाई.