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गर्मी हाइकू !
Hindi Poetry |
लो गर्मी आई
बह रहा पसीना
आफ़त लाई
कूलर चला
चल रहा है ऐ सी
मिली राहत
बिजली गुल
दोहरी आफ़त है
कोई बचाओ
आइसक्रीम
लो ठंडा शरबत
प्यास बुझाओ
बाहर जाना
खूब पानी पीकर
अक्लमंदी है
बहा पसीना
चिप चिप करता
खुजली होती
सड़के खाली
पानी वालो की चाँदी
खूब कमाई
पियाऊ खोलो
प्यासे को पानी दे दो
पुन: मिलेगा
छुट्टियाँ है
खूब मस्ती करना
पढ़ना भी है
डॉक्टर राजीव श्री वास्तवा
राजीव जी
कविता पढ़ते पढ़ते मन पुलकित हो गया . गर्मी से राहत मिली . सुदर रचना के लिए बधाई .
@Mahender Singh Nayak,
dhanyavad ,Happy summer-enjoy
चित्र चयन भाव अनुरूप तथा विषय चयन ऋतु अनुरूप.
बहुत सुन्दर….
@manojbharat, aap ki pratikiriya man bha gayi
बहुत अच्छे हाइकू ! बिलकुल उबले हुए से ! बधाई !
यह लो छाता,
बन गए मुश्किल,
सूरज दादा.