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माँ जैसी कोई नही!

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Hindi Poetry

जल्दी उठो अभी तक सो रहे हो!

नहा लो नाश्ता तैयार है ,तुम्हारे पसंद का है!

इधर आओ मैं समझाती हूँ!

अरे कोई बात नही!

दिखाओ कहाँ लगी है!

ज़रा संभाल के जाना!

नही पूरा खाना ख़त्म करो1

दूध नही पिया ,तो बात नही करूँगी!

 

ये सभी वाक्य सुने- सुने से लगते हैं,

क्योकि ये जीवन भर याद रहते हैं!

सुबह से शाम,शाम से रात हो जाती थी,

माँ,ये सब कई बार दोहराती थी!

कितना परेशन करता था मैं उसे,

थका देता था,प्यार करता था ,मैं जिसे!

थक के चूर हो जाती थी,

फिर भी मुझे देख मुस्कुराती थी!

मैं आगे -आगे भागता वो पीछे आती थी,

रूठ कर बैठ जाती ,जब मुझे पकड़ नही पाती थी!

मैं फिर धीरे से उसके पास जाता था,

और पीछे से जाकर उससे लिपट जाता था!

फिर एक झटके से ,मुझे गोद मे ले लेती थी,

और प्यार से एक चपत जड़ देती थी!

जब कभी मैं बीमार पड़ जाता था,

उस पर तो जैसे पहाड़ टूट जाता था!

मेरे सिरहाने दिनभर बैठी रहती थी,

आँख बंद कर कुछ मन्त्र पढ़ा करती थी!

कभी नीबू से, कभी मिर्च से नज़र उतारा करती थी

फिर मुझसे छुप कर थोड़ा रो लिया करती थी!


माँ, प्रभु की सबसे अनमोल देन होती है,

हमारे जीवन को जो खुशियों से भर देती है!

माँ जैसी चीज़ प्रभु ने और कोई बनाई नही,

माँ तो अनमोल खजाना है,माँ जैसी कोई नही!

 

 

डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा

 

 

6 Comments

  1. वाह राजीव , एक माँ के मन की सारी बाते इस रचना के माध्यम से कह डाली आपने , अति सुन्दर , भाव बिभोर कर गयी – बधाई
    माँ है मोहब्बत का नाम , माँ को है लाखो प्रणाम

  2. santosh bhauwala says:

    अति सुंदर!! माँ की भावनाओं का सटीक चित्रण माँ … माँ होती है ,उनके बारे में जितना कहे कम है !!

  3. SARALA says:

    Hullo
    Wah,bahut kwoob,!!!!!
    Liked ‘ Ma, Prabhu ki sab se anmol dhen hoti hai
    sarala

  4. Vishvnand says:

    अति सुन्दर भावनाओं से भरी निरुत्तर कर देनेवाली रचना
    आँखों में माँ की याद के सुखअश्रु भर देने वाली रचना
    अति सुन्दर इस उत्कृष्ट रचना के लिए हार्दिक अभिवादन .

    Kudos Stars 5 + +

  5. s.n.singh says:

    amnushya bhagyavaan hai jise ma ke roop me zindagi bhar ma ka saya mayassar hai. shayad jo ma ko bhool jate hain vahi jaanvar hote hain.

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