« घृणा | उसका मुस्काना » |
ख़ुशी में माँ ,गम में माँ
Hindi Poetry |
ख़ुशी में माँ
गम में माँ
ज़िन्दगी के हर पहलु में माँ
दर्द को भाप ले
आंसुओ को नाप ले
ज़िन्दगी के हर कदम पे
मुश्किलों को ढाक ले
गोद में सुलाकर जब
अपनी एक थाप दे
दुनिया स्वर्ग लगे
माँ नींद में भी झाँक ले
जब भी तुझसे दूर जाऊं
माँ डर से कॉप ले
चोट जब मुझको लगे
माँ दूरियों से माप ले
माँ बस माँ एक ही नाम
हर कदम पे जाप ले
ऋतु राय