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गीत : घूँघट के उस पार कजरारी आँखें , आँखों से छलकता प्यार
Hindi Poetry |
गीत :
घूँघट के उस पार कजरारी आँखें,आँखों से छलकता प्यार
कैसे भूलूं , हाय कैसे भूलूं मैं उसका वो इकरार
मेरे दिल पर कर गई जादू गाँव की वो गौरी
सूरत नमकीन – बदन हसीं , उस पर हार-सिंगार
घूँघट के उस पार कजरारी आँखें,आँखों से छलकता प्यार
कैसे भूलूं , हाय कैसे भूलूं मैं उसका वो इकरार
जब से देखा मैंने उसको आने लगी वो सपनों में
सपना जो टूटे ,दिल मेरा ढूंढे हाय पायल की झंकार
घूँघट के उस पार कजरारी आँखें,आँखों से छलकता प्यार
कैसे भूलूं , हाय कैसे भूलूं मैं उसका वो इकरार
छमक-छम, छम- छमा-छम वो पायल छनकाती आए
इक मैं ही क्या हो जाए दीवाना , दीवाना संसार
घूँघट के उस पार कजरारी आँखें,आँखों से छलकता प्यार
कैसे भूलूं , हाय कैसे भूलूं मैं उसका वो इकरार
आनंद प्रकाश कर विश्वास हकीकत को झुठलाए क्यूँ
दिल हो जाए घायल , वो करे जो नज़रों से वार
घूँघट के उस पार कजरारी आँखें,आँखों से छलकता प्यार
कैसे भूलूं , हाय कैसे भूलूं मैं उसका वो इकरार
-आनंद प्रकाश ‘आर्टिस्ट’
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अच्छा प्रयास पर आपकी अन्य रचनाओं से कम वज़न वाली रचना !
धन्यवाद Harish candra Lohumi ji मेरा प्रयास रहेगा कि भविष्य में आपको आपकी अपेक्षाओं के अनुरूप रचनाएँ दे सकूँ …….