« घटा समझ के बाग़ में मयूर नाचने लगे. | हद से ज्यादा ही दिलकश है फल ये ज़हर भरा लगता है. » |
गीत : धोखा दे गया हमें शख्स जो अपना खास था
Hindi Poetry, Jul 2011 Contest |
गीत :
धोखा दे गया हमें शख्स जो अपना खास था
अपने से भी ज्यादा उस पर हमें विश्वास था
नहीं छुपाके रख सके हम अपना कोई राज उससे
सच कहें तो उस वक़्त वही तो दिल के पास था
धोखा दे गया हमें शख्स जो अपना खास था
अपने से भी ज्यादा उस पर हमें विश्वास था
दिल से दिल का हमने सौदा किया था नाज से
घाटा हमें पड़ा उठाना आया न सौदा रास था
धोखा दे गया हमें शख्स जो अपना खास था
अपने से भी ज्यादा उस पर हमें विश्वास था
होगा साथ हमारे ऐसा नहीं था हमने सोचा
लगती थी बातें हद से प्यारी बातों में मिठास था
धोखा दे गया हमें शख्स जो अपना खास था
अपने से भी ज्यादा उस पर हमें विश्वास था
दिल में उतर गया था चेहरा वो गुलाब सा
‘आनंद ‘ उसको हमने देखा नहीं उदास था
धोखा दे गया हमें शख्स जो अपना खास था
अपने से भी ज्यादा उस पर हमें विश्वास था
-आनंद प्रकाश ‘आर्टिस्ट ‘
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जीवन का कठोर सत्य है
@rakesh jagtap,
rakesh jagtap ji आपका कमेन्ट उत्साहवर्धक है ,धन्यवाद !