« भ्रष्टाचार की चकाचोंध में मेरी आँखें फिर धोखा kha गयी | धोखा तकदीर का » |
धन और दौलत – मरण के मुहूरत
Hindi Poetry |
पैदा नर का रूप लिया
कायदा कानून साथ जुड़ा
फ़ायदा मन के राह लिया
जायदाद जागीर जोड़ दिया
कायदा कानून साथ जुड़ा
फ़ायदा मन के राह लिया
जायदाद जागीर जोड़ दिया
दया को धन में गोंध दिया
दिशा का वश में रोंद लिया
दुनिया दारी में मन बदला
लोभ और मोह में दिन निकला
बुढ़ापा बढती देह हुवा
खड़ा है यम की धूत बुला
छोड़ो सभ कुछ यहीं कहला
बिचड़ा है अब बुढ्ढा अकेला
mein is test kar raha hoon
हिंदी में शब्दों की बहुत सारी गल्तियाँ
posting ऊटपटांग लगती है