« »

यारों, जिसे कहते वफ़ा……! (Geet)

3 votes, average: 3.67 out of 53 votes, average: 3.67 out of 53 votes, average: 3.67 out of 53 votes, average: 3.67 out of 53 votes, average: 3.67 out of 5
Loading...
Hindi Poetry, Podcast

मेरा रचा एक काफी पुराना गीत इसके नए title और तर्ज़ में गाकर इसके podcast के साथ प्रस्तुत और share करने में खुशी महसूस कर रहा हूँ ….

 

 

यारों, जिसे कहते वफ़ा……!

सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही,
बाँहों में और कोई, ख्यालों में और कोई…
ख्यालों में और कोई, बाँहों में और कोई..….!

यारों, जिसे कहते वफ़ा, वो क्या है वफ़ा सही,
वफ़ा ख़ुद से बेवफाई, तो ये कैसी वफा, भाई….

सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही,
बाँहों में और कोई, ख्यालों में और कोई ……!

जाने क्या है सही यहाँ, जाने क्या है गल्त यहाँ,
जाने क्या है बुरा यहाँ, जाने क्या है भला यहाँ,
जाने क्या है पुण्य यहाँ, जाने क्या है पाप यहाँ,
पाप क्यूँ दिल लुभाए, रुलाये क्यूँ भलाई…….

सारी दुनिया का यही क्यूँ है ये हाल सही,
बाँहों में और कोई, ख्यालों में और कोई……!

जाने ये कैसे हुआ, झूट ही सच है यहाँ,
जिसे सच कहते सभी, वो तो सच है ही नहीं…..

सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही,
बाँहों में और कोई, ख्यालों में और कोई…
ख्यालों में और कोई, बाँहों में और कोई..….!

” विश्वनन्द “

12 Comments

  1. Sir ,
    Very cute dilemma . No answers to your questions … Yeh duniya ki reet hai …. just kidding .
    sarala

    • Vishvnand says:

      @SARALA KURUP JAGAN
      Thanks so very much for your comment & appreciation.
      You are not kidding, it is true that so many truths we assume are always kidding us in life.
      The subject of this month’s contest is “Betrayal” and just for fun I wanted to make fun of what we regard as “not betrayal.”(वफ़ा)

  2. s.n.singh says:

    duniya ka dastoor puarana
    roop badalti pal pal naanaa.
    bhala ek ka bura aur ka
    sahi galat ye kisne jana.

    • Vishvnand says:

      @s.n.singh
      कमेन्ट आपका काव्य सुहाना
      गीत के बारे कुछ नहीं जाना … 🙂

  3. Harish Chandra Lohumi says:

    गीत तो बहुत सुन्दर लगता है सर ! परन्तु मुझे लगता है की पढ़ने के बजाय सुनने में इसका मज़ा कुछ और ही होगा. बस दरकार है एक इयरफोन या स्पीकर की 🙂

    • Vishvnand says:

      @Harish Chandra Lohumi
      Ear phone या speaker लगाकर गीत जरूर सुनिए और प्रतिक्रया दीजिये वरना मेरा प्रयास तो नाखुश और उदास ही रह जाता है
      हर पोस्ट और पॉडकास्ट की Sharing करते समय आपकी प्रतिक्रया का हरदम ख़याल और इन्तेजार रहता है ये बात सच है …

  4. Reetesh Sabr says:

    सर…अवाक रह जाते हैं आपकी बहुमुखी प्रतिभा और लाजवाब हुनर से! ऐसा कोई क्षेत्र ही नहीं जहां आपने शिरकत न की हो!! आप एक बेहतरीन मिसाल हैं न सिर्फ हम जैसे युवाओं के लिए बल्कि अपने हमउम्र साथियों के लिए भी…सलाम, आदर!!

    • kusumgokarn says:

      @Reetesh Sabr,
      Vishvnandji,
      Yet another gem of a song – deep thoughts to ponder upon
      Your sweet singing , makes my day.
      Thanks.
      Kusum.

    • Vishvnand says:

      @Reetesh Sabr
      सच आपकी इस प्रतिक्रया ने अंतर्मन में विराजी प्रभु की कृतज्ञता को फिर विशाल रूप दे दिया और दिल को गद गद कर दिया. p4poetry लगता है प्रभु द्वारा ही हम सब के सामने रखा इक ऐसा मंच है जहां हम खुश हो अपने अपने passion for poetry के वरदान को अपने सब दोस्तों में बाँट सकें आनंद पा सकें और खुद भी आनंद लेते मनाते रहें.
      इस कमेन्ट के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया….

  5. sushil sarna says:

    दिल को छूती शब्दों में छुपी आवाजें-एक अजब सा सुकून मिलता है-इस मधुर रचना के लिए मधुर सी बधाई स्वीकार करें सर

  6. jaspal kaur says:

    सर,
    सच्चाई को दर्शाता हुआ एक बहुत खूबसूरत गीत. पढ़कर बहुत अच्छा लगा.
    सच्चाई भी almost येही है.

Leave a Reply