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***सिसकियों से भर देता है…………***

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Hindi Poetry

लगता है 

कुछ वक्त तो 

जरूर लगता है  

हर अश्क को 

सूखने में 

हर दर्द को 

भूलने में  

अश्क भी

गालों पर

सूख कर

पानी का

नहीं,नहीं

खारे पानी का

इक निशाँ

छोड़ देता है

किसी की रातों का

तन्हाई में  

तरजुमा कर देता है

भीग जाती थी

कभी

जो रातें

किसी की

मुहब्बत भरी बाँहों में

दिल तोड़ के

बेवफा

उसका दामन

सिसकियों से भर देता है,

सिसकियों से भर देता है…………

 

सुशील सरना

 

 

4 Comments

  1. dil se dil tak says:

    मुहब्बत भरी बाँहों में

    दिल तोड़ के

    बेवफा

    उसका दामन

    सिसकियों से भर देता है,

    बहुत खूब बहुत अच्छी

  2. Vishvnand says:

    बढिया अंदाज़ -ए – बयाँ
    मन भाया
    commends

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