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ek waqt tha
Jul 2011 Contest |
- एक वक़्त था
एक वक़्त था जब वो हमारी हर बात बिन कहे समझ जाती
एक वक़्त आज है जब वो किसी भी बात को समझना नई चाहती
एक वक़्त था जब हर दिन उनके इन्तेजार में चंद पल की तरह गुजर जाते थे
एक वक़्त आज है जब हम अकेले हर पल के गुजरने का इन्तेजार करते है
एक वक़्त था जब वो सपनो में आकर ,होंतो पर मुस्कान छोड़ जाती थी
एक वक़्त आज है जब वो हकीकत में मिलकर सिर्फ आंसू दे जाती है
एक वक़्त था जब उनकी आहट से धड़कने उन्हें पहचान जाती थी
एक वक़्त आज है जब धड़कने पूछती है – ” क्या तुम वही हो ?”