« “Birth On The Earth” | I N D E P E N D E N C E » |
इस बार १५ अगस्त कुछ ऐसे मनाना !
Hindi Poetry |
ऐ! मेरे देशवासियों इस बार १५ अगस्त कुछ ऐसे मनाना,
की आने वाली पीढ़ी याद करे ,और याद करे ज़माना!
स्वेत वस्त्र जब पहनो तो तन भी पावन रखना ,
सर पर गर गाँधी टोपी हो तो,हिंसा के आगे ना झूकना!
हाथ मे लो जो तिरंगा तो ,प्रेम से उसे लहराना,
उँचाई पर प्रेम भाव से देश ध्वज फहराना!
इस बार वही झंडा फहराये जिसके दिल मे हो देश से प्यार,
यहाँ वहाँ के झूठे बोल, बोल कर मत करना देश का तिरस्कार!
राष्ट्रा गान जब मुख से निकले तो बह जाये अमृत धारा,
देश भक्ति के गीतो से महक उठे ये गुलशन सारा!
हर धर्म के लोगो को दिल से अपने गले लगाना,
इसी देश के सब बंदे है फिर भाई -भाई बन जाना!
याद करना उन वीरो को जिन्होने हँस कर शीश कटवाया है,
चंदन से नही अपने लहू से धरती माँ को तिलक लगाया है!
नही इतनी सस्ती थी ये आज़ादी, जिस पर आज हम इतराते हैं,
कितने शहीदों की छाती पे खड़े है,ये क्यू भूल हम जाते हैं!
इस बार चुटकी भर मिट्टी से खुद को तिलक लगा लेना,
वीर शहीदो को याद कर थोड़े अस्रु बहा लेना!
आज कुछ भ्रष्ट लोगो ने देश का सर झुकाया है,
धरती माँ के दामन मे कला दाग लगाया है!
जिनके हाथो मे हमने इस देश की इज़्ज़त सौपी है,
मुख से राम कह कर इन्होने बगल मे छुरी घोपी है!
और कितने १५ अगुस्त यूँ ही आ कर चले जाएँगे,
यही हाल रहा तो हम एक दिन ख़ाक मे मिल जाएँगे!
अभी भी वक़्त है सुन लो, धरती माता की पूकार,
इस १५ अगस्त से ही सही, अब तो कर लो अपने वतन से प्यार!
डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा
Shrivastavji,
Very lofty thoughts commemorating today’s Independence Day celebration.
Best wishes,
kusum
chalo sankalp ko karm ka jaamaa pahnayen.
kalam se nahin karon se vatan ko sajayen.
बहुत सुन्दर भावनाओं की, देश के स्वतन्त्रता दिन मनाने पर लिखी हुई रचना
बहुत मनभावन
बधाई