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उनकी एक झलक !!!
Hindi Poetry |
क्यूँ चेहरा छिपा कर रखते हैं वो जुल्फों के आबशार में,यहाँ दिन गुज़र जाता है कम्बख्तों के हटने के इंतज़ार में,वो नहीं आग़ाह कोई महज़ उनकी एक झलक को तरसता है,जिसकी ख़ुशियों के राज़ पोशीदा हैं फ़कत उनके दीदार में !ईद आने को है और उनका चेहरा अभी भी बापर्दा है,आख़िर क्यूँ ये नाराजगी है आख़िर क्या ये माजरा है,है ये उनकी मासूमियत या ग़ुरूर अपनी अहमियत का,कि उनकी ज़ीनत का नूर तो लाज़मी है हर त्यौहार में !_______
बहुत खूब
खूबसूरत मनभावन अंदाज़ -ए -बयाँ
बधाई
Stars 4
kya baat hai !