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चमन की आपने अच्छी है एहतियात रखी.

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Hindi Poetry
चमन की आपने अच्छी है एहतियात रखी.   एहतियात-सार संभाल
खिलाई जो भी कली है,सो बेसबात रखी.      बेसबात-अस्थायी,
 
उजाड़ दो कि संवारो अब अख्तियार   में है,
लो ज़िन्दगी  ही हमारी तुम्हारे हाथ रखी.
 
बस एक रात की मेहमान है शमा क्या हो,
तवील रोज़ ही आँगन में अपने रात रखी.      तवील-दीर्घ
 
शहर के सामने हँस के मिले हो, क्या कम है,
चलो कुछ आपने आखिर हमारी बात रखी.
 
ये दोस्त है कि अजब आईना मिला हमको,
दिखाए दाग, छुपा सब मेरी सिफात रखी.    सिफात-गुण, अच्छाइयां
 
सम्हल के जाइयो,कूए वफ़ा में राहबरों,       कूए वफ़ा-प्रेम पथ,राहबरों-पथ प्रदर्शकों 
हरेक मोड़ पे याँ कोई वारदात रखी.
 
न पीर के, न है मुर्शिद के हाथ में कुछ भी,   पीर मुर्शिद-गुरु,ज्ञानी
अमल में सिर्फ है तेरे तेरी निज़ात रखी.         अमल-आचरण
 
तुम अपनी ज़ात के जिन्दां में क़ैद  हो खुद ही,  ज़ात-अस्तित्व,अहम् जिन्दां-कारागार
वगरना घूमने फिरने को क़ायनात रखी.      क़ायनात-ब्रह्माण्ड

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