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मशाल
Hindi Poetry |
देश के सपूत अन्ना
तूने जलायी अखंड
क्रान्ति की मशाल
फूंक दिया शंखनाद
बिना सत्ता बिना माल
गांधी के सतत अनुयायी
तूने कर दिया कमाल
डूब रहा था देश आकंठ
बुलंद जो की , आवाज एक
सरकार को तूने,कर किया बेहाल
लूटते जो जनता को दिन रात
सच की राह दिखानी नहीं है आसान
समझो भ्रष्ट तंत्र का हाल
रहेंगे अडिग अहिंसा पर,गाँधी के अनुचर हम
झुकेगी सरकार कभी न कभी
चुप रह कर पाएगी, कब तक हमें टाल
पहचानो समय की ये चाल
घर घर में लहरायेगा तिरंगा प्यारा
हर एक को मिलेगा न्याय न्यारा
कर देगा जन जन को निहाल
कश्मीर से कन्याकुमारी तक की
बागडोर हमें है संभालनी
डूब न जाए देश प्यारा
कहे सबसे अन्ना हमारा
बरस पड़ो भ्रष्ट नेताओं औ
भ्रष्ट तंत्र पर , बन कर उनका काल
संतोष भाऊवाला
बहुत खूब; कविता भी हमें लगी बहुत प्रभावी और कमाल
जनता अब सरकार को झुकाकर ही रहेगी साथ है अन्ना की आवाज़
भ्रष्टाचार और भ्रष्ट नेताओं की नही हम चलने देंगे बदमाशी की चाल
हार्दिक बधाई
आदरणीय विश्वनंद जी बहुत बहुत शुक्रिया
बिलकुल सही कहा आपने…
जनता अब सरकार को झुकाकर ही रहेगी साथ है अन्ना की आवाज़
भ्रष्टाचार और भ्रष्ट नेताओं की नही हम चलने देंगे बदमाशी की चाल
ham sabko apna antahkaran tatolna hai, sirf naare nahin aacharan me naitkta ka pur gholna hai.
धन्यवाद !!!
जी हाँ ,बिलकुल, पूरा देश तैयार है इसके लिए ….