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कविता
Anthology 2013 Entries, Hindi Poetry |
जब भावनाओ का सागर लफ्जों में सिमटता हैं,
और स्याही का रंग कागज़ से लिपटता हैं,
जब प्रेरणा की कोख शब्दों को जानती हैं,
तब कही एक कविता बनती हैं !!
जब एकांत में सन्नाटा शोर मचाता हैं,
कही यादो से एक पन्ना जब उड़कर आता हैं,
जब हर पल की सुई शून्य पर थमती हैं,
तब कही एक कविता बनती हैं !!
जब सच कहने को वक्त की ज़बान कतराती हैं,
झूठ और सच के बीच की लकीर भी तब इतराती हैं,
जब एक आंसू के बोझ से पलके तनती हैं,
तब कही एक कविता बनती हैं!!
Bahut khoob ! Nirala andaj aap ka——prerna ki kokh “janti” ” hona chahiye
शब्द संयोजन और भावनाओं का अनूठा संगम !
सच कहा आपने कविता का सृजन आसान नहीं
यह हर सुख और दुःख मिश्रण है
सुन्दर सृजन
बधाई
अति सुन्दर अभिव्यक्ति
ऐसी कविता के बारे में कविता बहुत भाती है
बार बार पढ़ने मन को लुभाती है
इस रचना के लिए हार्दिक अभिवादन
thanku sir !!!! I m nthng sir just becoz f u ….my poetry iz here nd got lots f appericiation . each nd every thng i learnt frm you thanku sir…!!!
@prerna singh,
I liked the sweet musical flow of the words in your poem.
The last 2 lines are very appealing.
Kusum
bahut sundar.