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हे, वास्सप?
Hindi Poetry |
कुछ दिनों में Jokes फीके पड़ गये
Cute हरकतें Cheesy हो गयीं
ग़लतफ़हमियाँ पनपी
झगड़े लाज़मी हो गये
कुछ दिनों में बदलते बदलते
बहुत कुछ बदल गया
Priorities बदलीं, बदली पसंद
बदले दोस्त, बदले ढंग
नए लोग मिले पुराने छूटे
नए हुए Exciting पुराने पड़ गए फीके
बदल गए अंदाज़-ए-यारी
Juices छूटे आई Tequila की बारी
भूले सादगी सीखी होशियारी
सीखे Excuses और नए झूठ
दिल बदला दिमाग बदला
रूह सह न सकी ऐसा लिबास बदला
कुछ दिनों में बदलते बदलते
बहुत कुछ बदल गया
नहीं बदला तो वो यादों का Collection
जो वक़्त के साथ धुंधलाता तो गया
लेकिन ज़हन में साँस जैसे घुलता रहा
वो एहसासों का काफिला
जो कभी किसी गाने किसी Movie के साथ
कभी किसी जगह किसी बात के साथ
कभी ऐसे ही, कभी बरसात के साथ
आँखों के सामने चला आता है
आज भी !
वैसे वक़्त तो मरने का भी नहीं आजकल
लेकिन कभी पुराने ‘मैं’ से मिलो
और नज़रें मिला पाओ
तो ‘Hey, Wassup?’ ज़रूर कह देना !
No doubt बहुत प्यारी सी सुन्दर रचना
बहुत मन भायी
मगर ‘Hey, Wassup?’ why सूझी …?
@Vishvnand, dhanyawaad vishwnand ji…. ‘Hey, Wassup?’ to bas aise hi likh diya….