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‘ मेरा बचपन ‘
Hindi Poetry |
‘ मेरा बचपन ‘
पापा की गोदी में
अठखेली करता वो बचपन ,
माँ के आँचल में
छुपता-इठलाता वो बचपन ,
आँखों में शरारत, ग़मों से अनजान ,
हँसता-मुस्कुराता वो बचपन ,
काश कोई लौटा दे ,
वो प्यारा-सा मेरा बचपन !
– सोनल पंवार
रचना सुन्दर और संक्षिप्त
मन भायी बहुत ….
लिखते रहिये
@Vishvnand, Thank u sir for ur valuable comment.
Dear I read your poem,
Very nice
बहुत सुन्दर
लिखते रहिये
धन्यवाद