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“शब्द-ज्ञान”-(४)

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Hindi Poetry
“शब्द-ज्ञान”-(४)
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“विशेषण” (Adjective):
 
संज्ञा रूपी शब्दों के पूर्व या क्रिया/सहायक क्रिया के पश्चात,
उनकी विशेषता प्रकट करने हेतु प्रयुक्त शब्दों की है बात !
ऐसे शब्द ही व्याकरण परिधि में कहलाये जाते हैं विशेषण,
उदाहरणार्थ उनके निमनप्रकार के कतिपय शब्दों के दर्शन !    
 
यथा, (१) भला आदमी, बुरी संगत, काला पक्षी, गोरा वदन,
बहुत सुन्दर, कम मीठा, धीमी चाल, तेज धार, भारी वर्षा 
इत्यादि जो संज्ञा शब्दों की विशेषता प्रकट करते हैं !
 
        (२) हज़ार आदमी, करोड़ों रुपये, २-४ बालक, अधिक
संख्या, कम मात्रा, ठंडा पानी, गर्म चाय, भीषण गर्मी,
मारक सर्दी, बर्फीला मौसम, उबलती दाल, ताजा खाना,
बासी रोटी, तीखी मिर्ची, हरि सब्जी, लाल साड़ी इत्या दि,  
जो संज्ञाओं की स्थिति या सूरत प्रकट करते हैं !
          
           (3) दौर में श्याम आया है प्रथम, वह हो गया गरीब,
मैं चलने में हूँ तेज इत्यादि जो क्रिया के पश्चात 
प्रयुक्त होके उसकी विशेषता प्रकट करते हों ! 
 
 
तदुपरांत, विशेषण की निम्न ३ श्रेणियां होती हैं:-
 
(१) सामान्य (२) तुलनात्मक तथा (३) महत्तम या न्यूनतम !
    (Positive)   (Comparative)       (Superlative) 
 
यथा, श्रेष्ट, श्रेष्टतर तथा श्रेष्टतम 
 
        सुन्दर, अधिक सुन्दर और सबसे सुन्दर !
 
        बुरा, अधिक बुरा और सबसे बुरा !
 
        शीतल, शीतलतर और शीतलतम,
 
        उष्ण, उष्णतर और उष्णतम !
                      ============
 
क्रमशः:क्रिया विशेषण……………..
      

4 Comments

  1. Harish Chandra Lohumi says:

    बहुत सुन्दर प्रयास हम जैसे अल्पज्ञों के मार्गदर्शन का ! बधाई !!!

  2. Vishvnand says:

    बहुत सुन्दर और रूचिपूर्ण ज्ञान
    कैसा होता गर भाषा और व्याकरण स्कूल में ऐसे हमें पढ़ाते
    सब को व्याकरण में रुची आ जाती, हम period नहीं bunk करते 🙂

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