« बेरंग बहारों का नगर देख रहे हैं, | संगीत किसे हम कहते हैं ….? » |
‘ संगीत है…….सरगम ‘
Hindi Poetry, Oct-Nov 2011 Contest |
‘ संगीत है…….सरगम ‘
संगीत है सात सुरों की सरगम ,
सा रे ग म प ध नि का संगम !
सागर की लहरों से उठता है संगीत ,
रेतीली हवाओं की सरसराहट में है संगीत ,
ग़मों के काँटों में फूलों-सा कोमल अहसास है संगीत ,
मन के अनगिनत तारों को झंकृत करता है संगीत ,
पनघट की गागर के छलकते जल में है संगीत ,
धरती पर थिरकते क़दमों की आहट में है संगीत ,
निशा में विचरते पक्षियों के कलरव में है संगीत !
संगीत है बना सात सुरों की इस सरगम से ,
संगीत है बसा प्रकृति के हर कण-कण में ,
संगीत से मिलता है हर दिल को सुकून ,
सभी के जीवन में रचा-बसा है संगीत !
– सोनल पंवार
Sonal,
Very well expressed – a lyrical tribute to the power and beauty of Music in Nature
Kusum
Thank u so much ma’am.
Very Nice Poem
रचना है संगीत पर सुन्दर काव्यमय वर्णन
बहुत मन भाया ये सरगम का विस्तार सुगम
हार्दिक बधाई और अभिनन्दन
बहुत-बहुत धन्यवाद सर।
बहुत खूब…..
achchha prayog.
Thank u all for ur kind appreciation.