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‘ संगीत है…….सरगम ‘

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Hindi Poetry, Oct-Nov 2011 Contest
    ‘ संगीत है…….सरगम ‘
 
संगीत है सात सुरों की सरगम ,
सा रे ग म प ध नि का संगम !
 
सागर की लहरों से उठता है संगीत ,
रेतीली हवाओं की सरसराहट में है संगीत ,
मों के काँटों में फूलों-सा कोमल अहसास है संगीत ,
न के अनगिनत तारों को झंकृत करता है संगीत ,
नघट की गागर के छलकते जल में है संगीत ,
रती पर थिरकते क़दमों की आहट में है संगीत ,
निशा में विचरते पक्षियों के कलरव में है संगीत !
 
संगीत है बना सात सुरों की इस सरगम से ,
संगीत है बसा प्रकृति के हर कण-कण में ,
संगीत  से मिलता है हर दिल को सुकून ,
सभी के जीवन में रचा-बसा है संगीत !
 
– सोनल पंवार
 
 

8 Comments

  1. kusumgokarn says:

    Sonal,
    Very well expressed – a lyrical tribute to the power and beauty of Music in Nature
    Kusum

  2. rajdeep bhattacharya says:

    Very Nice Poem

  3. Vishvnand says:

    रचना है संगीत पर सुन्दर काव्यमय वर्णन
    बहुत मन भाया ये सरगम का विस्तार सुगम
    हार्दिक बधाई और अभिनन्दन

  4. dr.paliwal says:

    बहुत खूब…..

  5. siddha Nath Singh says:

    achchha prayog.

  6. sonal says:

    Thank u all for ur kind appreciation.

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