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वो एक अँधेरी रात थी
Anthology 2013 Entries, Hindi Poetry, Jan 2012 Contest |
वो एक अँधेरी रात थी
चहुँओर पसरा था शान्ति साम्राज्य
पंक्षी पंखो को समेटे नीड़ में दुबके थे
सभी गहरी निद्रा में निमग्न थे
तभी भूकंप ने दिये करारे झटके
फटा कलेजा धरा का,
विकल सकल कायनात थी
अनहोनी अक्समात थी
वो एक अँधेरी रात थी
पावस के बादलों से घिरा आसमान था
रात के अँधेरे में डूबा जहांन था
काराग्रह में कृष्णावतार का विधान था
अत्याचार पर जंग का एलान था
बेड़ियाँ टूटीं ,फाटक खुले, कंस अनजान था
गोकुल प्रस्थान समय, यमुना में उफान था
सारी चौकसी ध्वस्त हुई
बड़ी अलौकिक बात थी
विधि की करामात थी
वो एक अँधेरी रात थी
एक साया उभरा अज्ञात सा
अस्मिता का अँधेरे में सर्वनाश था
ये भी जबरदस्त आघात था
इंसानियत पर हैवानियत का नकाब था
हादसा गुज़र गया
जो बची थी लाश थी
लुटी लुटी हयात थी
वो अँधेरी रात थी
अत्याचारी सत्ता ने
चीर -हरण का जाल बिछाया
पांचाली की पुकार पर
कृष्ण ने माया से चीर बढ़ाया
दुर्योधन दु:शासन को मात दी
चौसर की बिछी बिसात थी
महाभारत के शंखनाद सी
वह भी अकेली रात थी
संतोष भाऊवाला
सुन्दर सी लिखी ये लगी नए अंदाज़ की
वो अंधेरी रात कृष्णजन्म की बात की
रचना मन को भायी; बधाई इस प्रयास की….
रचना मन भायी
मै कृतार्थ भयी
मेरे मन ने भी
अति ख़ुशी पायी
आभार
सादर संतोष भाऊवाला
एक खूबसूरत आकर्षण है इस चित्रण में संतोष जी….. बधाई….
@Sushil Joshi, behtareen rachna.
आदरणीय सिद्धनाथ जी, बहुत बहुत आभार !!
संतोष भाऊवाला
आदरणीय सुशील जी ,हार्दिक धन्यवाद !!
संतोष भाऊवाला
Karmyogi shrikrishn bhagvan ka sambandh hai
krishyug ka andheri raatri se anubandh hai
rachanaa vyaapakataa liye hai
badhaai santosh ji
आदरणीय विवेक जी ,रचना पसंद आई, अतिशय धन्यवाद !!
संतोष भाऊवाला
रचना पढ़ते समय वो एक अंधेरी रात आंखों के सामने नज़र आ रही थी…। बेहद खूबसूरत रचना के लिए धन्यवाद…
रचना पसंद आई आभारी हूँ !!!
संतोष भाऊवाला
Hearty congratulations, the winner, Santhosh.B.
thanks a lot !!
congrats
very nice peom
@rajdeep bhattacharya, Poem*
आपका अतिशय धन्यवाद !!!
अंधेरी रात का अति यथार्थ चित्रण किया है| बहुत सुन्दर अंदाज़ में प्रस्तुति है| बधाई!
आपको रचना पसंद आई बहुत आभारी हूँ !!!