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” हक़ीकत “
Hindi Poetry |
वो कहते फिरें मिला इंतज़ार वालो को इतना.
के जितना छोड़ दिया कोशिश करने वालो ने.
अब कहें क्या हम ज़वाब में ए-खुदा तू ये बता.
के जब छोड़ दिया सुनना दिल की दिलवालों ने.
मिलीं नसीहतें खूब कदम-दर-कदम मुझे मगर.
के फिराया खूब इधर-उधर मुझे इल्म वालो ने.
तौहमत शायद फिर लगे पैगाम उसके पड़ने पर.
के समझा उन्हें फिर गलत हम बेअक्ल वालो ने.
ख़ैर कोई सूरत अब नज़र नहीं आती यारब मुझे.
के हूँ उसी मोड़ पे छोड़ा जहाँ साथ चलने वालों ने.
बहुत खूब ! असरदार, शानदार, वज़नदार !
@ashwini kumar goswami, ‘ TAHE-DIL SE SAHIL KA SALAAM KUBOOL FARMAAYE AUR IS ZARRA-NAWAAZI KA BAHOOT-BAHOOT SHUKRIYA.