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कहीं तुम मिलो गर तो उसको बताना.
Hindi Poetry |
वही आशिकों का फ़साना पुराना.
वही रस्मे उल्फत वही दिल चुराना.
ग़ज़ल तूने बदला नहीं अब भी चोला,
वही जां निसारी वही जाने जानां .
गयी उम्र सारी यूँही राह तकते,
न आया न आया हमारा ज़माना.
वही इल्तिजाये मुहब्बत हमारी
वही तेरी हाँ ना,वही तेरी हाँ ना.
वही तेरी नज़रें तनी तीर जैसी,
वही मेरे नाचीज़ दिल का निशाना.
उसे ढूंढता हूँ कई मुद्दतों से,
कहीं तुम मिलो गर तो उसको बताना.
बहुत भाया दिल का ये ऐसा नजराना
औ शेरों में सुनाया जो हमको फसाना
बहुत बढ़िया और खूब
@Vishvnand, thanks,