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” बाज़ीगर बाज़ आता कब है? “
Hindi Poetry |
बाज़ीगर बाज़ आता कब है?
वो हाथ मेरे आता कब है?
तसल्ली को तस्वीर देता है,
वो ख़ुद करीब आता कब है?
कभी आज तो कभी कल,
वो वादा निभाता कब है?
शौक मेहमाँ-नवाज़ी रक्खे,
वो घर मुझे बुलाता कब है?
नशीले नैन उसके मैख़ाने,
वो मय ये पिलाता कब है?
जी भर गया ए-‘साहिल’,
वो दिल से जाता कब है?
सुन्दर रचना
बहुत मन भायी
हार्दिक बधाई
लगे रहिये, हारिये मत
बाजीगर भी आता बाज तब है
कभी यकायक जाता हार जब है
दौड़ा दौड़ा आता पास तब है
अति सुंदर !!
कभी तो आएगा बाजीगर
प्रयासरत रहना होगा गर
संतोष भाऊवाला