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हैं हमसफर भी सफ़र में तरह तरह के मिले.
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हैं हमसफर भी सफ़र में तरह तरह के मिले.
कई रकीब भी खुद को हैं दोस्त कह के मिले.
नशाये जर का अजब माजरा मिला अक्सर,
चढ़ा जिसे भी क़दम बेशतर के बहके मिले.
बुझेगी छू के था सोचा लगी हुई दिल की,
लबों को छू के ये शोले तो और दहके मिले.
तमाम दिन में न दुनिया ने फिर दिया मिलने,
तड़प तड़प के गए रह सुबह सुबह के मिले.
दिलों में बीज गए दुश्मनी के यूँ बोये,
बहुत कठिन है कि इमकान अब सुलह के मिलें.
सभी के साथ भलाई के ये नतीजे हैं,
हरेक शख्स से इलज़ाम बेवजह के मिले.
बहुत खूब
शेर बहुत मन भाये
दोस्त थे जो होते थे प्यारी दोस्ती के लिए
इस जमाने कोई भी दोस्त न बेवजह के मिले
@Vishvnand, dhanyavad.
आदरणीय सिद्धनाथ जी ,बहुत खूब !!सभी शेर लाजबाव है पर ये शेर ख़ास लगा …
सभी के साथ भलाई के ये नतीजे हैं,
हरेक शख्स से इलज़ाम बेवजह के मिले
बधाई !!
संतोष भाऊवाला
@Santosh Bhauwala, dhanyavad santosh ji.