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इनको नही कुछ बस ….!
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इनको नही कुछ बस ….!
यूं तो ऐसे दिखाते हैं न कोई वास्ता उनसे
मगर ये लूट रिश्वत की सभी मिल बाँट खाते हैं
यहाँ इतनी है धनदौलत मगर इनको नही ये बस
न जाने बैंक में फोरेन इनके कितने खाते हैं
जो मुजरिम पकडे जाते हैं ये उनसे दूर हो जाते
मगर तरकीब उनको फ्री छुड़ाने हर ये करते हैं
ये पैसों बेहिसाबी से चले हर काम है इनका
इलेक्शन जीतने इसका ये इस्तेमाल करते हैं
हुआ ये देश तो आजाद मगर कैसी बीमारी है
चलाते देश जो अपना गरीबों को रुलाते हैं
कहें ये है नही आसाँ चलाना देश को अपने
सभी को साथ ले चलने नही कुछ कर ये पाते है
अगर आता नही इनको ढंग से काम कुछ करना
तो बैठे क्यूँ हैं कुर्सी पर क्यूँ नही छोड़ देते हैं
क्यूँ लोभी बन गए सारे इन्हें कुछ तो सिखाना है
ये कैसी कुर्सीभक्ति है दिशाहीन देश करते हैं
गांधीजी ने तो ये देख सब खुद को ही कोसा है
यहाँ नेता ही उनका नाम ले खुद की चलाते है…
जय हिंद
Raajneeti ke dam par Jo naam
paisaa kamaate hai
naitik mulyo ko ve kahaa bachaa paate hai
jinka maksad hai ki.yah vyvsthaa badale
badalataa hai jamaanaa.par ve jamaane ko badal paate hai
@Rajendra sharma”vivek”
कमेन्ट का शुक्रिया
जितना भी छुपाओ कालाधन सब कुछ ऊपर आयेगा
देशवासी सब जाग गए कैसे कोई बच पाएगा
आन्दोलन कर सारा धन देश में वापिस लाएगा
दोषी काले धन वाले सज़ा उन्हें दिलाएगा
@Vishvnand,
Appreciate your positive ,confident attitude & hopeful message for deliverance from corruption.
Best wishes,
kusum
@Kusum Gokarn ,
Thanks for the comment.
The main problem is their greed which is insatiable & now that one by one their sins put under carpet are getting exposed and coming out in the open they have become a very worried & a reckless lot biding their time for the public ire to explode.
अति सुन्दर रचना | सजीव चित्रण |
बधाई सर |