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राह सही
Hindi Poetry |
जब कोई बड़ा निर्णय लेने का वक्त आये
जब ह्रदय और मस्तिष्क में मंथन हो जाए
भावनाओं को प्यार से शांत कर
असमंजस के बादलों से निकल कर
राह वही पकड़ना जो हो सही
अपनी नहीं, दूसरों की जिसमें हो खुशी|
मुस्कराहट जब देखोगे, उदास कैसे हो पाओगे?
संतुष्टि जब देखोगे, खुद-ब-खुद समझ जाओगे
निर्णय जो लिया, सही था,
दर्द भरा शायद,
पर सही|
दर्द को ज़्यादा देर हवा न दो
उसे, जितनी जल्दी हो सके,
ख़त्म कर दो
नहीं तो शायद जंगल की आग सदृश
अलाव आस-पास न बन जाए अदृश्य
इसलिए
असमंजस के बादलों से निकल कर
राह वही पकड़ना जो हो सही
अपनी नहीं, अपनों की जिसमें हो खुशी|
is kavita ne sach me behat khusi di mujhe
loved it ma’am
Your Rajdeep
बहुत सुन्दर विचार और रचना में उसकी अभिव्यति
यही राह है जीवन का सही सार और असली प्राप्ति
हार्दिक अभिवादन
राह वही निश्चिन्त सही है जिसमे अपने कार्य से मिले अपनों को और औरों को खुशी जिसमे ही समाया रहता अपने खुद का सत समाधान और सत्कार्य की अपनी खुशी …
Parminderji
Bahut sunder khyaal rachya hai aapnay. Loved the lines ‘
‘असमंजस के बादलों से निकल कर
राह वही पकड़ना जो हो सही’
sarala.
Thanks a lot for your kind words Rajdeep, Vishwa ji and Sarala ji.
no words except to say vaah, vaah
@sushil sarna, Thanks Sushil ji!