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” पिता “

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Hindi Poetry

” पिता “

‘पिता’ ,
है एक शब्द ,
है एक प्यारा-सा रिश्ता ,
जिनके बिना हमारा
अस्तित्व है अधूरा !
हाथों को थाम कर जिनके
हमने चलना है सीखा ,
गोदी में जिनके
सुकून भरा बचपन है बीता ,
जिनके स्नेह की छाँव तले
हमने सारी खुशियाँ है पाई ,
जिनके आदर्शों-संस्कारों की
हमने पहचान है पाई ,
उन पिता के साये से दूर ,
उनकी यादों के सहारे ,
अब हमारी सारी खुशियाँ ,
सारा जीवन है अधूरा !

– सोनल पंवार

6 Comments

  1. Abhishek Khare says:

    NIce one

  2. Vishvnand says:

    पिता के प्रति प्यार और आदर भरी मनभावन अभिव्यक्ति
    सुन्दर और उत्कृष्ट
    रचना के लिए अभिवादन

    “अब हमारी सारी खुशियाँ ,
    सारा जीवन है अधूरा !”
    ऐसी ठीक नहीं है भावनिक विचारधारा
    हर प्यारा पिता कोशिश से अपना कार्य करता है पूरा
    और फिर पिता के प्यार में बच्चों को करना होता है पूरा
    खुशी खुशी जो उन्होंने चाहा था अपने बच्चे करेंगे अपने अपने जीवन में पूरा …

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