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———– मेरा बलम है वकिल तारीख देता है————-
Hindi Poetry |
मांगता सबूत बात बारीक़ करता है /
मेरा बलम है वकिल तारीख देता है /
एक दिन में बोली तुमने चुरा लिया मेरा दिल /
वो बोले जरा आ कर आफिस में तू मिल /
अपराध है संगीन करना पड़ेगा विचार /
कोई रास्ता निकालेंगे तू हो आना तैयार /
गुनाह करे वो मुझे मुजरिम बनता है /
मेरा बलम है वकिल तारीख देता है /
आफिस में बुलाता वो पास में बिठाता /
न जाने कैसे कैसे वो सवाल करता /
सब वो ही बोलता मै कुछ न बोलती /
जज कि तरह मै तो बस चुप ही रहती /
बहस करे वो ही फैसला लिखता है /
मेरा बलम है वकिल तारीख देता है /
पीहर से मेरे जब आता है बुलावा /
मै मायके जाने का करती हूँ दावा /
फ़ीस ले कर भी बनता है बहाने /
उलझता है मुझे और लगता है समझाने /
वो फर्जी मेरी अर्जी को ख़ारिज करता है /
मेरा बलम है वकिल तारीख देता है /
जैसा भी है वो है मन का बड़ा अच्छा /
ईमानदार है वो काम करता सब सच्चा /
कोट चाहे काला पर मन तो है सफेद /
दुर्जनों और सज्जनों मे रखता न कोई भेद /
हर कोई ही उसकी तारीफ करता है /
मेरा बलम है वकिल तारीख देता है /
बढ़िया अंदाज़ और रचना
बहुत मजेदार और मनभावन
(बस वही बात फिर; कुछ शब्दों में अ और आ की गाल्तियों का अखरना)