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अब तो कुछ प्यार की बातें करो
Hindi Poetry |
बहुत हो गया रूठना मानना
अब तो कुछ प्यार की बातें करो
चलते चलते इन राहों पर
कुछ रुकने की भी बात करो..
तूफानों का मौसम है
कुछ थमने की भी बात करो
बहुत हो…
चुप चुप से क्यों बैठे हो
कुछ बात कहो कुछ फैसला कर लो
नई डगर पे चलने का हौसला कर लो
खुशियों का तराना छेड़ भी दो
अंदाज़ ए बयाँ अब बदलो भी
ये बुत सा नखरा छोड़ भी दो
आओ कुछ गाठें खोल भी दें
शाम ढले मुलाकातें करों
बहुत हो…
कुछ मन की बातें बोल भी दो
भूलें-बिसरें बीती बातें
वो सोच में डूबी सी रातें
यादें मन को जो देतीं शूल
एक पल में उनको जाएँ भूल
कुछ तुम बदलो कुछ हम बदलें
बदले अपनी पुरानी वसूल
अब तो दिल की सारी बातें कह ले
बहुत बीती तनहा रातें
अब तो इकरार की बातें करो
बहुत हो..
शशिकांत निशांत शर्मा ‘साहिल’
shashikantnishantsharma@gmail.com
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सुंदर रचना, बधाई.