मुझे हिंदी कविताएँ (विशेषकर हास्य) लिखना बेहद पसंद है और अपने इस लेखन के सफर में मैंने काव्य के अनेक रूप जैसे कविता, गज़ल, गीत एवं कव्वाली इत्यादि लिखे हैं मगर अभी भी मेरी कोई पहचान नहीं है सिवाय मेरे परिवार एवं कुछ सबंधियों तथा मित्रों को छोड़कर। मुझे लगता है कि आज के व्यस्त जीवन में दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना बहुत कठिन है और मैं इसी का प्रयास कर रहा हूँ। आप सभी मेरी रचनाओं को पढ़कर कोई न कोई टिप्पणी चाहे वह नकारात्मक ही क्यों न हो, अवश्य दें जिससे मुझे अपने लेखन से खर-पतवार ढूँढने में सहायता मिल सके और मैं आपके समक्ष अपने लेखन का नित नया स्वरूप रख सकूँ।
मेरी सभी रचनाओं का आनंद आप मेरे ब्लॉग में ले सकते हैं जिसका पता है – http://kavisushiljoshi.blogspot.com/
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अच्छी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
श्री दारा सिंह का जाना मन को इक ऐसा सदमा लगा गया जैसे आज के युग में इक महा मानव का प्रस्थान हुआ है. वो हमारे बीच अमर रहेंगे….
Vah thaa garib kaa betaa maati kaa sapoot
daaraa tumhaari mout se pooraa desh abhibhoot
@rajendra sharma “vivek”, उस महान आत्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए धन्यवाद राजेन्द्र जी…
अच्छी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
श्री दारा सिंह का जाना मन को इक ऐसा सदमा लगा गया जैसे आज के युग में इक महा मानव का प्रस्थान हुआ है. वो हमारे बीच अमर रहेंगे….
@Vishvnand, सत्य कहा विश्वनंद जी…उनका जाना निश्चित रूप से एक बहुत बड़ी हानि है…… सादर..