« प्रार्थना गीत “श्याम मोरे श्याम मोरे” | तिरंगा – भाग 1 » |
क्रांति की आवाज
Hindi Poetry, Uncategorized |
वक्त आ गया है दोस्तों दुनिया को बताने का,
क्या होती है क्रांति बात यह जुबां पर लाने का,
याद रखो वो हर प्रहार जो लगा है दिलों पर सबके
अग्नि प्रज्वलित करेगा वही अब क्रांति के हवन कुण्ड में मिलके
हिसाब हर जख्म का देना होगा इस भ्रष्ट तंत्र को
जुड़ जाओ सभी इस जनसैलाब में
वक्त आ गया है अब दो मौका जनता के राज को
बहुत अर्थपूर्ण सुन्दर रचना और अभिव्यक्ति
काश ऐसी सोच, भावों और जोश में हो हर वो व्यक्ति
देश प्रेम और देशवासिओं के उद्धार की हो जिसमे भक्ति
साथ मिल करना हैं इन भ्रष्टों की हमको अब समाप्ति…
आती जायेगी जनता में जाग और उपयुक्त शक्ति
सुन्दर रचना के लिए अभिनन्दन