« दिल | प्रार्थना गीत “श्याम मोरे श्याम मोरे” » |
ज़िन्दगी
Uncategorized |
काश वक्त रहते मेरा खुद से कुछ हिसाब बन जाये,
ऐसा ना हो ज़िन्दगी फिर एक किताब बन जाये
चढ़ा ही दिये जायेंगे एक दिन मुझ पर फूल यूं तो,
मज़ा है जब कली मेरी खिल कर गुलाब बन जाये
कोई तो ऐसा हो जो दिल से करे इतनी मोहब्बत,
हर गहरे सूने पल का मेरे एक माहताब बन जाये
देख मेरी आंखों मे समझ ले जो मेरे दिल की बात
पूछने से पहले मेरे हर सवाल का ज़वाब बन जाये
वाह वाह क्या बात है
हर शेर बढ़िया ऐसे कि “बहुत खूब” कहे बिन रहा न जाए
बहुत मन भाये
बधाई और हार्दिक धन्यवाद …
@Vishvnand,
आप को पसंद आयी, धन्यवाद
vaah kya baat hai.
@Siddha Nath Singh,
thanks sir
क्या बात है … अच्छा है ..
@Dhiraj Kumar,
thank you dear
उम्दा रचना.
@U.M.Sahai,
शुक्रिया जनाब