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ज़िन्दगी

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काश वक्त रहते मेरा खुद से कुछ हिसाब बन जाये,

ऐसा ना हो ज़िन्दगी फिर एक किताब बन जाये

चढ़ा ही दिये जायेंगे एक दिन मुझ पर फूल यूं तो,

मज़ा है जब कली मेरी खिल कर गुलाब बन जाये

 

 

कोई तो ऐसा हो जो दिल से करे इतनी मोहब्बत,

हर गहरे सूने पल का मेरे एक माहताब बन जाये

देख मेरी आंखों मे समझ ले जो मेरे दिल की बात

पूछने से पहले मेरे हर सवाल का ज़वाब बन जाये 

8 Comments

  1. Vishvnand says:

    वाह वाह क्या बात है
    हर शेर बढ़िया ऐसे कि “बहुत खूब” कहे बिन रहा न जाए
    बहुत मन भाये
    बधाई और हार्दिक धन्यवाद …

  2. Siddha Nath Singh says:

    vaah kya baat hai.

  3. Dhiraj Kumar says:

    क्या बात है … अच्छा है ..

  4. U.M.Sahai says:

    उम्दा रचना.

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