« कह कर मना किया है “शकील” अखबार वाले को………… | ये जो बात रह गयी है मेरे लब पे थरथराती. » |
रक्षा बंधन
Hindi Poetry |
रक्षा-बंधन का यह पर्व ,भाई बहन को इस पर गर्व |
कच्चे धागे की यह आण ,करें निछावर इस पर प्राण ||
सभी इष्ट मित्रों को रक्षा
बंधन की
हार्दिक शुभ कामनाएं
बहुत सुन्दर, प्यारी और पर्व के अनुरूप
मन भायी ये पंक्तिया खूब ….
हार्दिक बधाई .और शुभकामना
बंधन में रख रक्षा करते ये था पहले रिवाज़ अपना
अब उनको समान हक़ देकर हमको उनकी रक्षा करना
ऐसी रखना हमें भावना जब हमने राखी बंधवाना …. ….
kya raksha bandhan bhai dvara bahan ko raksha ka vachan dene ka parv nahin hai?isme sabko mubarakbaad dena kuchh azeeb lagta hai, naye samay kee balihari.
Thanks for well wishes for Raksha Bandhan day.
All the more needed during these terror stricken times.
Kusum