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मुफलिस पेट भरेंगे खाकर क्या बातों के लच्छे.
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इस्टेशन पर भीख मांगते भूखे बेबस बच्चे.
आप फ़ख्र से फरमाते हैं हाल वतन के अच्छे.
आधी से ज्यादा आबादी बेकारी की मारी,
मगर तरक्की हुई आंकड़े कहते झूठे सच्चे.
खर्चीली है न्याय व्यवस्था, दुरवस्था को रोयें,
निडर उड़ाते धनकुबेर हैं नियमों के परखच्चे.
तबक़ों,फ़िरक़ों,सम्प्रदाय में वतन विभाजित होता,
ख़्वाब दिखाने वाले देते पब्लिक तो नित गच्चे.
मंसूबों दर मंसूबों से हल न कोई भी निकला,
मुफलिस पेट भरेंगे खाकर क्या बातों के लच्छे.मंसूबों-योजनाओं
वाह वाह क्या बात है
सुन्दर बहु प्रभावी
Commends
लूट रहे हैं देश को भ्रष्टाचार भयानक करके
और फरमाते हाल वतन के अच्छे ये ही लुच्चे ….
खूब खरी खरी
Yatharth kaa chitran karati rachanaa
बहुत सही और तीखी| जाने कब सुधरेंगे यह हालात!
Vartaman vyavastha par atyant sunder , dil ko cchoo lene wali rachana