« मगर हो न पाया तमाशा हमीं से. | सपने एक बेहद ख़ूबसूरत अहसास है…. » |
पर उनका क्या कीजे जो अक्ल के अंधे है
Hindi Poetry |
एक सवाल से हूँ कर्ब,मुआफी परवरदीगार
सने सर-ता-पा है जो खून से,आप ही के बंदे है?
ये मैं दोजख में आ गई, या बुरा है कोई ख्वाब
अजीब,जो जितना निचे गिर गया, उतना ही वन्दे है |
पुरजोर कोशिश है, खलल ना हो आरामपरस्ती में
फिर भी ना जाने किस बोझ से दबे कंधे है |
लाख यकता है आप निगाहों की कारीगरी में
पर उनका क्या कीजे जो अक्ल के अंधे है |
कोशिशों में हमारी भी कोई कमी न थी
पर आगे वही निकले जो काम के मंदे है |
वाह वाह बहुत बढ़िया बहुत खूब ….
कोशिशों में हमारी भी कोई कमी न थी
पर आगे वही निकले जो काम के मंदे है |
जैसा दिखता वैसा नहीं, सुखी वही है जो प्रभुप्रेम में बंधे हैं
सेलेब्रिटी जो दिखावे खुश टीवी में अन्दर से दुखी गंदे हैं
कृपया शब्दों में सुधार करें- परवरदीगार की बजाय परवरदिगार और निचे की बजाय नीचे लिखें.
एक सवाल से हूँ कर्ब इससे क्या कहना चाह रहीं हैं स्पष्ट न हुआ, कर्ब का मतलब बतायेंगीं?
marvelous