« पर उनका क्या कीजे जो अक्ल के अंधे है | सब खींच तान कर लो, कुछ भी नहीं है होना. » |
सपने एक बेहद ख़ूबसूरत अहसास है….
Hindi Poetry |
सपने एक बेहद ख़ूबसूरत अहसास है, सपने देखना चाहिये, सबको देखना चाहिये. कोई हर्ज़ नहीं है. सपने इंसान को अन्दर से जिंदा रखते हैं….
मगर हर सपने का एक सच ये भी है कि जब आपके सपने सच होते हैं या लगता है सच हो जायेंगे तो जैसे आसमाँ क़दमों के नीचे आ जाता है, और जब सपने टूटते हैं या लगता है टूट जायेंगें तो पैरों के नीचे से ज़मीन तक खिसक जाती है… ..
“ऊँचे ऊँचे अरमानों के महल पर जब बिजली गिरती है तो
रोज रोज के उतार चड़ाव से होते अनुभवों पर मन की बात लिख रहा हूँ ……
हर रोज निखरता हूँ मैं, हर रोज बिखरता हूँ मैं
हर रोज चलता हूँ मैं, हर रोज ठहरता हूँ.मैं…
हर रोज उगता हूँ मैं, हर रोज ढलता हूँ मैं
फिर भी इन राहों पर हर बार चलता हूँ मैं ..
हर रोज जुड़ता हूँ मैं, हर रोज टूटता हूँ मैं
फिर भी हर बार जी जान से जुटता हूँ मैं !
दिनेश गुप्ता ‘दिन’ [https://www.facebook.com/dineshguptadin]
bahut khoob, janaab nida fazli says-
यही है ज़िन्दगी, कुछ ख्वाब चाँद उम्मीदें,
इन्ही खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो.