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चार लाइनें -29
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करवट बदलते हुए ख्याल कौंधा अचानक कुछ ऐसा,
कि एक करवट उनकी बाहों में लेने को जी चाहता है,
मखमली सी रात में भरा हो ढ़ेर सारा प्यार का एहसास ही एहसास ,
इस तरह सुबह तक तारों को उनके साथ देखने को जी चाहता है ….!!!!!!
संयोग श्रृंगार रस का सजीव चित्रण.
Hmmmm
amazing