« »

चार लाइनें -29

0 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 5
Loading...
Uncategorized

करवट बदलते हुए ख्याल कौंधा अचानक कुछ ऐसा,
कि एक करवट उनकी बाहों में लेने को जी चाहता है,
मखमली सी रात में भरा हो ढ़ेर सारा प्यार का एहसास ही एहसास ,
इस तरह सुबह तक तारों को उनके साथ देखने को जी चाहता है ….!!!!!!

2 Comments

  1. siddha nath singh says:

    संयोग श्रृंगार रस का सजीव चित्रण.

  2. Rajdeep says:

    Hmmmm
    amazing

Leave a Reply