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तुम्हारा वो ” फ्रैंड ” !
Hindi Poetry |
बड़ा अजीब है वो !
जब देखो कमेन्ट करता है,
बिन मांगे सलाह देने लगता है,
अपने आगे किसी की सुनता ही नहीं,
कई बार समझा दिया उसे,
पर मानता ही नहीं,
अरे तुम तो समझा सकते हो ना,
अपने उस ” फ्रैंड ” को.
क्या बात है !
दिखते भी नहीं हो आजकल,
कहीं बाहर गए थे क्या?
अरे हाँ !
एक बात तो बताओ,
कहाँ चला गया आजकल,
तुम्हारा वो ” फ्रैंड ” !
वो भी नहीं दिखायी देता .
***** हरीश चन्द्र लोहुमी
हमसे ही था खफा भी वो हमको ही ढूढता भी वो.
कल हम जो न आये बज़्म में सबसे था पूछता भी वो.
धन्यवाद सिंह साहब .
nice reading
thanks
हार्दिक आभार और धन्यवाद राजदीप जी .