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दिवाली
Hindi Poetry |
उनके भी जलें दिये
उनकी भी हो दिवाली
उम्मीद की रौशनी दिखे
जिनकी हर रात रही है काली
काँटों की ज़िन्दगी मे
उन्हे क्या पठाकों से मतलब
दुखों के साये मे जो
हर पल जीते हैं वो सब
दिलों की ही जीत हो अब
कष्टों का जले रावण
इज्ज़त की ज़िन्दगी जिए
खुशियाँ मिले मनभावन
दो दिन के जलवे यह
दो दिन के त्योव्हार
क्यों न इन्सान मनाये
दिवाली हर दिन, बार बार
भुत खूब. क्या बात है. भुत आछा लिखा है. हमें भुत पसंद आया.
अगर इन्सान रूज इसी तरह आपनी जिंदगी बताई तो जीना मधुर हो जय.
Thank u Sudhaji. haan ji agar insaan har pall ko bhagwan kii ek deen samaj kar jiyey to har waqt diwali hai, kuch din ya kuch pal nahee. 🙂
Great
Loved the poem very much
Keep Writing
Thanks Rajdeep, will follow your advice & keep writing. 🙂