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दीवाली और दिल के दिये ……!
Hindi Poetry, Podcast |
दीपावली की प्यार भरी हार्दिक शुभकामनाओं के साथ मेरा यह “दीवाली और दिल के दिये ” का गीत इसके नए ऑडियो में गाकर सादर करने में बहुत खुशी महसूस कर रहा हूँ ….
दीवाली और दिल के दिये ……!
दीवाली के दिन जो दिये जल रहें हैं,
तो दिल के दियों से है क्या इनका नाता,
दीवाली के दीपो मुहूरत जरूरत,
दिल के दियों को मुहूरत न लगता ……!
जगाओ इन्हें प्यार से मेरे प्यारों,
कि चमके ये ऐसे कभी बुझ न पायें,
औरों के दिल के दियों को भी मिलकर
जगाओ की ये सब समा जगमगायें,
फिर देखो इसी ही जमी पर ये जीवन,
हरदिन ही हमसब दीवाली मनाएँ….!
मनाओ दीवाली प्रभू के मनन में,
दिया जन्म जिसने हमें मानव के गण में,
इसी ही खुशी में, स्मरण और नमन में,
करो दीप अर्पित प्रभू के चरण में,
दिलों में जो फिर प्यार के दीप उजलें,
उन्हींसे चलो सब समा जगमगायें,
फिर देखो इसी ही ज़मी पर ये जीवन,
हरदिन ही हमसब दीवाली मनाएँ….!
दीवाली के दीपो से दिल के दियों को,
जगाओ कि ये सब समा जगमगायें,
ऐसे जगाओ कि हरदम ये चमकें,
दिल के दिये ये कभी बुझ न पायें
फिर देखो इसी ही ज़मी पर ये जीवन,
हर दिन ही हमसब दीवाली मनाएँ……..!.
दीवाली के दिन जो दिये जल रहें हैं,
तो दिल के दियों से है ये इनका नाता.
दीवाली के दीपों मुहूरत जरूरत,
दिल के दियों को मुहूरत ये भाता..…!
दीवाली के दीपों से दिल के दियों का,
ऐसा है नाता,न्यारा सा नाता,
कितना सुगम और प्यारा ये नाता ……!
sundar kaamna kee sundar abhvyakti.
Same wishes to your family from ours.Happy Diwali
SN जी और Kanchana ji …रचना पर कमेंट के लिए हार्दिक धन्यवाद …