मुझे हिंदी कविताएँ (विशेषकर हास्य) लिखना बेहद पसंद है और अपने इस लेखन के सफर में मैंने काव्य के अनेक रूप जैसे कविता, गज़ल, गीत एवं कव्वाली इत्यादि लिखे हैं मगर अभी भी मेरी कोई पहचान नहीं है सिवाय मेरे परिवार एवं कुछ सबंधियों तथा मित्रों को छोड़कर। मुझे लगता है कि आज के व्यस्त जीवन में दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना बहुत कठिन है और मैं इसी का प्रयास कर रहा हूँ। आप सभी मेरी रचनाओं को पढ़कर कोई न कोई टिप्पणी चाहे वह नकारात्मक ही क्यों न हो, अवश्य दें जिससे मुझे अपने लेखन से खर-पतवार ढूँढने में सहायता मिल सके और मैं आपके समक्ष अपने लेखन का नित नया स्वरूप रख सकूँ।
मेरी सभी रचनाओं का आनंद आप मेरे ब्लॉग में ले सकते हैं जिसका पता है – http://kavisushiljoshi.blogspot.com/
Sushil Joshi has written 216 poems. Visit Poet Page: Sushil Joshi
अभी भी सच में, उनका मुस्कुराना याद है हमको,
जहाँ छुप छुप के मिलते थे, ठिकाना याद है हमको,
जीवन के वक्त-ऐ-दरिया में, सच में, एक एक करके,
यादों को सलीके से, बहाना, याद है हमको,
तुमने बात छेड़ी है, तो हम भी क्यों रहें पीछे,
मोहब्बत तो मोहब्बत है, निभाना याद है हमको.
अभी भी सच में, उनका मुस्कुराना याद है हमको,
जहाँ छुप छुप के मिलते थे, ठिकाना याद है हमको,
जीवन के वक्त-ऐ-दरिया में, सच में, एक एक करके,
यादों को सलीके से, बहाना, याद है हमको,
तुमने बात छेड़ी है, तो हम भी क्यों रहें पीछे,
मोहब्बत तो मोहब्बत है, निभाना याद है हमको.
kumarshamsunder@gmail.com
बहुत खूब शाम सुंदर जी…… धन्यवाद आपका…